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20 अरब और इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों ने इजरायल के हमलों की निंदा की  

19:43 - June 17, 2025
समाचार आईडी: 3483736
IQNA-20अरब और इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों ने इजरायली शासन द्वारा ईरान इस्लामी गणराज्य के खिलाफ किए गए हमलों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाले सभी कार्यों की निंदा की है।  

रूसिया अल-यौम की रिपोर्ट के अनुसार, इन 20 अरब और इस्लामी देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, अच्छे पड़ोसी संबंधों के सिद्धांतों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया।  

इन देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इस खतरनाक स्थिति के बिगड़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिसके पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब मध्य पूर्व तनाव का सामना कर रहा है, तो ऐसे में इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्रवाईयों को तुरंत रोका जाना चाहिए।  

इन देशों ने तनाव कम करने के प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हुए व्यापक संघर्ष विराम और शांति प्राप्त करने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने मध्य पूर्व क्षेत्र को परमाणु हथियारों और अन्य सामूहिक विनाश के हथियारों से मुक्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला, जो संबंधित अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुसार और बिना किसी भेदभाव के होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने क्षेत्र के सभी देशों द्वारा परमाणु अप्रसार संधि (NPT) में तुरंत शामिल होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।  

इस बयान में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी वाली परमाणु सुविधाओं को निशाना न बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, जो IAEA और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार होना चाहिए, क्योंकि यह 1949 के जिनेवा चार्टर के अनुसार अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही, बयान में जल्द से जल्द वार्ता प्रक्रिया में लौटने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में एक स्थायी समझौते तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है।  

इन देशों के विदेश मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों में नौवहन की स्वतंत्रता का सम्मान करने और अंतरराष्ट्रीय नौवहन सुरक्षा को कमजोर न करने के महत्व पर जोर दिया।  

उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय संकटों का समाधान केवल कूटनीति, वार्ता और अंतरराष्ट्रीय कानून तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुसार अच्छे पड़ोसी संबंधों की प्रतिबद्धता में निहित है। उनका मानना है कि वर्तमान संकट का समाधान सैन्य तरीकों से नहीं किया जा सकता है।

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